Jerusalem Attack – हमले में 6 निर्दोष लोगों की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा बयान दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करता और इसके खिलाफ हमारी नीति “Zero Tolerance” की है।
PM Modi ने Jerusalem Attack पर कड़ा बयान दिया :-
दुनिया इस समय लगातार बदलते हालातों और बढ़ते तनावों का सामना कर रही है। खासकर आतंकवाद की घटनाएँ पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं।
इसी बीच जेरूसलम (Jerusalem) से आई दर्दनाक खबर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झकझोर दिया। एक बड़े आतंकी हमले में 6 मासूम लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए।
यह हमला न केवल जेरूसलम बल्कि पूरे विश्व में शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है।
भारत ने हमेशा आतंकवाद की हर घटना पर स्पष्ट और सख्त रुख अपनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि भारत आतंकवाद की हर शक्ल और रूप की निंदा करता है और इसके खिलाफ भारत की नीति Zero Tolerance पर आधारित है।
घटना का पूरा विवरण
जेरूसलम में हुआ यह हमला अचानक और बेहद खतरनाक था। आतंकी हमलावरों ने भीड़भाड़ वाले इलाके को निशाना बनाया। चंद ही मिनटों में यह जगह खून से लाल हो गई।
मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन तब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके थे।
हमले में मारे गए लोग आम नागरिक थे, जिनका किसी भी राजनीतिक या सैन्य गतिविधि से कोई संबंध नहीं था।
यह बताता है कि आतंकवाद का मकसद सिर्फ मासूमों को निशाना बनाना और डर का माहौल फैलाना है।
Jerusalem Attack – भारत का रुख और पीएम मोदी का बयान
पीएम मोदी ने ट्वीट और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में दिए बयान के जरिए कहा:
- भारत हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा करता है।
- निर्दोष लोगों की हत्या मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध है।
- भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर सहयोग और एकजुटता के लिए हमेशा तैयार है।
- हमारी नीति Zero Tolerance Against Terrorism है।
मोदी का यह बयान न केवल भारत की स्थायी नीति को दोहराता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की गंभीरता को भी दिखाता है।
भारत क्यों है आतंकवाद के खिलाफ सबसे सख्त?
भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। कश्मीर में आतंकवादी घटनाएँ, 26/11 मुंबई हमला, संसद पर हमला और पुलवामा जैसी घटनाएँ भारत ने झेली हैं।
यही कारण है कि भारत जानता है कि आतंकवाद कितना खतरनाक है और इसका सामना करना कितना जरूरी है।
हर बार आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत ने ठोस कदम उठाए हैं।
कूटनीतिक स्तर पर, सुरक्षा के स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से भारत ने यह संदेश दिया है कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया on Jerusalem Attack
जेरूसलम हमले के बाद न सिर्फ भारत बल्कि कई देशों ने इस घटना की निंदा की है।
अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने इसे “मानवता पर हमला” बताया है।
दुनिया भर के नेताओं ने शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की है।
भारत का बयान इस वजह से खास है क्योंकि भारत ने हमेशा आतंकवाद को राजनीतिक मुद्दा मानने से इनकार किया है।
भारत ने यह साफ कर दिया है कि चाहे कहीं भी आतंकवाद हो, वह मानवता का दुश्मन है।
Zero Tolerance Policy का महत्व
भारत की “Zero Tolerance Policy” का मतलब है कि:
- आतंकवादियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
- आतंकवाद को किसी धर्म या विचारधारा से जोड़कर नहीं देखा जाएगा।
- आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
- वैश्विक स्तर पर भारत आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देगा।
Jerusalem Attack के असर
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद सिर्फ किसी एक देश की समस्या नहीं है। यह पूरी मानवता की समस्या है।
- इज़राइल पर असर: यह हमला इज़राइल की सुरक्षा नीति और उसके राजनीतिक हालात पर असर डालेगा।
- मध्य पूर्व पर असर: यह घटना वहां के तनाव को और बढ़ा सकती है।
- दुनिया पर असर: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की मांग और तेज होगी।
भारत की भूमिका क्या हो सकती है?
अंतरराष्ट्रीय स्तर भारत पर आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत आवाज बन चुका है।
भारत लगातार यह मांग करता आया है कि आतंकवाद को परिभाषित करने वाला एक वैश्विक कानून बने।
भारत यह भी चाहता है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को अलग-थलग किया जाए।
इस दिशा में भारत संयुक्त राष्ट्र और G20 जैसे मंचों पर अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
मानवीय पहलू – Jerusalem Attack
जेरूसलम हमले में मारे गए लोग वे मासूम थे जो शायद अपने परिवार के लिए खरीदारी करने निकले थे या बस सामान्य जिंदगी जी रहे थे। उनके परिवार अब हमेशा के लिए टूट गए हैं।
आतंकवाद सिर्फ जानें नहीं लेता, बल्कि पूरे परिवारों और समाजों को बर्बाद कर देता है।
क्यों जरूरी है वैश्विक सहयोग?
आज के समय में आतंकवाद किसी एक देश तक सीमित नहीं है।
यह सीमा पार कर पूरे क्षेत्र और महाद्वीप को प्रभावित करता है। ऐसे में सिर्फ एक देश के प्रयास काफी नहीं हैं।
- आतंकियों की फंडिंग रोकना जरूरी है।
- हथियारों की आपूर्ति को खत्म करना होगा।
- इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फैल रहे कट्टरपंथी विचारों पर नियंत्रण करना होगा।
भारत इस वैश्विक सहयोग की दिशा में लगातार आवाज उठाता आया है।
निष्कर्ष
जेरूसलम में हुआ यह आतंकी हमला एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि आतंकवाद आज दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती है। पीएम मोदी का बयान इस चुनौती के खिलाफ भारत की गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत की “Zero Tolerance” नीति सिर्फ बयानबाजी नहीं है, बल्कि एक ठोस संदेश है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत किसी भी स्तर पर पीछे नहीं हटेगा। दुनिया को अब इस चुनौती से निपटने के लिए एकजुट होना होगा।
CTA (Call to Action)
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सरकारों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हमें शांति, भाईचारे और मानवता को मजबूत करना होगा।
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इस पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। Dailybuzz.in इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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