ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रवासियों के खिलाफ उठे विरोधी सुर, सरकार ने कड़ा बयान जारी कर साफ किया अपना रुख। Australian Anti-Immigration Protests.
Australian Anti-Immigration Protests : विरोध की राजनीति
ऑस्ट्रेलिया इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। वजह है वहां उठी Australian Anti-Immigration Protests।
खासकर भारतीय प्रवासियों के खिलाफ चल रहे कैंपेन ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक, प्रवासियों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। लेकिन इन सबके बीच ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने साफ-साफ कहा है कि भारत से आने वाले प्रवासियों का स्वागत किया जाएगा और किसी भी तरह के भेदभावपूर्ण अभियान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विरोध की वजह
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ लोकल ग्रुप्स और संगठनों ने भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या को रोजगार और कल्चर पर खतरा बताया है।
उनका कहना है कि बड़ी संख्या में भारतीयों के आने से नौकरियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और लोकल कम्युनिटी पर दबाव पड़ रहा है।
ये विरोध Australian Anti-Immigration Protests रैलीज और ऑनलाइन कैंपेन के रूप में सामने आया।
Australian Anti-Immigration Protests पर सरकार की सफाई
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय ने संयुक्त बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया का रणनीतिक और सांस्कृतिक पार्टनर है।
दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत हैं और भारतीय प्रवासियों ने ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था और समाज को समृद्ध बनाने में बड़ा योगदान दिया है।
Australian Anti-Immigration Protests सरकार ने साफ किया कि “कोई भी व्यक्ति या संगठन जो प्रवासियों को टारगेट करेगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।”
Australian Anti-Immigration Protests पर भारतीय समुदाय की प्रतिक्रिया
ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय समुदाय ने सरकार के इस बयान का स्वागत किया है।
उनका कहना है कि इस तरह के प्रोटेस्ट्स से डर का माहौल बनता है, लेकिन सरकार की ओर से दी गई गारंटी ने भरोसा बढ़ाया है।
कई इंडियन स्टूडेंट्स और वर्कर्स ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव शेयर किए और कहा कि उन्होंने लोकल लोगों से हमेशा सहयोग ही पाया है।
विरोध के पीछे राजनीति?
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन Australian Anti-Immigration Protests के पीछे राजनीतिक एजेंडा भी हो सकता है।
कुछ लोकल पॉलिटिकल ग्रुप्स प्रवासियों के मुद्दे को चुनावी हथियार बना रहे हैं।
भारत के बढ़ते प्रवासी समुदाय को टारगेट करना आसान है क्योंकि भारतीय स्टूडेंट्स और वर्क वीज़ा होल्डर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय असर
भारत ने भी इस मामले पर चुप्पी नहीं साधी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है
और ऑस्ट्रेलिया से इस मुद्दे पर पूरी पारदर्शिता की उम्मीद करता है
कूटनीतिक स्तर पर दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है ताकि प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मीडिया और सोशल मीडिया का रोल
Australian Anti-Immigration Protests मीडिया ने इन प्रोटेस्ट्स को हाईलाइट किया है।
वहीं सोशल मीडिया पर #StopAntiImmigration और #IndiansInAustralia जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
भारतीय यूथ ऑस्ट्रेलिया में योगदान देने वाले भारतीय डॉक्टर, इंजीनियर्स और आईटी प्रोफेशनल्स की कहानियां शेयर कर रहे हैं।
आर्थिक योगदान
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रवासी ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था में हर साल अरबों डॉलर का योगदान देते हैं।
स्टूडेंट्स फीस, स्किल्ड वर्कर्स और बिजनेस कम्युनिटी से देश को सीधा फायदा मिलता है।
यही कारण है कि सरकार इन Australian Anti-Immigration Protests को सिर्फ “बेसलेस” कह रही है।
आगे क्या?
सरकार ने साफ किया है कि वह प्रवासियों के खिलाफ किसी भी नफरत फैलाने वाले कैंपेन पर तुरंत कार्रवाई करेगी।
इसके साथ ही, लोकल कम्युनिटीज के बीच इंटीग्रेशन प्रोग्राम्स को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि दोनों समुदायों के बीच दूरी न बने।
निष्कर्ष
ऑस्ट्रेलिया में उठे Australian Anti-Immigration Protests एक बड़ी बहस का हिस्सा जरूर बने हैं, लेकिन सरकार के बयान ने साफ कर दिया है कि भारतीय प्रवासी वहां सुरक्षित हैं।
यह सिर्फ एक छोटे समूह का विरोध है, जिसका ऑस्ट्रेलिया की समग्र नीति से कोई लेना-देना नहीं है।
Call to Action
अगर आप ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई या नौकरी करने का सपना देख रहे हैं तो इन खबरों से घबराने की जरूरत नहीं।
सरकार ने साफ कर दिया है कि भारतीय प्रवासियों का सम्मान और सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है।
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इस पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। Dailybuzz.in इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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