🎯 Catchline:
इस Rakhi पर बन रहे हैं 2 शुभ योग, जानें 9 अगस्त को राखी बांधने का सही मुहूर्त, पूजा विधि, परंपरा और खास ज्योतिषीय महत्व।का इंतज़ार सिर्फ इसलिए नहीं है कि हम राखी बांधेंगे, बल्कि इसलिए भी कि इस साल आ रहे हैं ऐसे 2 शुभ योग, जो भाई-बहन के रिश्ते में भर देंगे सौभाग्य और खुशियों की नई रोशनी।
प्रस्तावना
रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते का एक जीवंत उत्सव है, जिसमें स्नेह, विश्वास और सुरक्षा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। हर साल सावन मास की पूर्णिमा को बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा-सूत्र बांधती है और भाई उसकी रक्षा का संकल्प लेता है। लेकिन 2025 का रक्षाबंधन कुछ खास है, क्योंकि इस साल 9 अगस्त 2025 को यह त्योहार 2 दुर्लभ शुभ योगों में मनाया जाएगा, जो इसे और भी पवित्र और फलदायी बना देगा।
📅 Rakhi (रक्षाबंधन) 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- तारीख: शनिवार, 9 अगस्त 2025
- सावन पूर्णिमा: प्रातः से लेकर दिन के मध्य तक शुभ प्रभाव में रहेगी।
- Rakhi बांधने का शुभ समय: सुबह 05:47 AM से दोपहर 01:24 PM तक।
- अवधि: लगभग 7 घंटे 37 मिनट
- Bhadra काल: इस वर्ष Bhadra का प्रभाव राखी बांधने के समय पर नहीं पड़ेगा, जिससे बिना किसी बाधा के पूजा संपन्न होगी।
🌟 इस साल के 2 शुभ योग कौन से हैं?
1. शोभन योग
शोभन योग का संबंध सौंदर्य, शुभ समाचार और मंगल कार्यों से है। इस योग में किया गया कार्य लंबे समय तक शुभ फल देता है। Rakhi पर शोभन योग का बनना भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, सम्मान और समृद्धि लाएगा।
लाभ:
- परिवार में एकता और सौहार्द बढ़ेगा।
- आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- नए अवसर प्राप्त होंगे।
2. धनिष्ठा योग
धनिष्ठा योग धन, सौभाग्य और सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ा है। इस योग में बांधी गई राखी भाई को जीवन में तरक्की, सम्मान और भौतिक सुख प्रदान करती है।
लाभ:
- भाई को करियर में प्रगति।
- प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि।
- नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा।
🪔 रक्षाबंधन की पारंपरिक पूजा विधि
आवश्यक सामग्री
- राखी (मौली धागा सबसे शुभ)
- रोली या कुमकुम
- चावल
- दीपक
- मिठाई
- नारियल (वैकल्पिक)
पूजा क्रम
- सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
- पूजा थाली को सजाएं, जिसमें राखी, रोली, चावल, दीपक और मिठाई रखें।
- भगवान गणेश और श्रीकृष्ण की पूजा करें।
- भाई को आसन पर बैठाएं और उसके माथे पर रोली का तिलक लगाएं।
- चावल का अक्षत तिलक पर लगाएं।
- राखी बांधते समय “ॐ येन बद्धो बली राजा…” मंत्र का उच्चारण करें।
- मिठाई खिलाकर आशीर्वाद लें और दें।
📖 रक्षाबंधन का पौराणिक महत्व
द्रौपदी और श्रीकृष्ण
महाभारत में वर्णन है कि जब श्रीकृष्ण का हाथ घायल हुआ, तो द्रौपदी ने अपने वस्त्र का टुकड़ा फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया। यह बंधन प्रेम और रक्षा का प्रतीक बन गया।
इंद्राणी और इंद्रदेव
देवासुर संग्राम के समय इंद्राणी ने इंद्रदेव की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा, जिससे उन्हें विजय प्राप्त हुई।
🌍 अलग-अलग राज्यों में रक्षाबंधन
- उत्तर भारत: घर में पूजा के साथ भाई-बहन का मिलन।
- पश्चिम भारत: रक्षा सूत्र के साथ आरती और नारियल चढ़ाने की परंपरा।
- दक्षिण भारत: रक्षा बंधन को “श्रावणी” के रूप में मनाया जाता है।
🪄 ज्योतिषीय टिप्स इस रक्षाबंधन
- राखी बांधते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखें।
- भाई को पीला रूमाल या वस्त्र उपहार दें, इससे सौभाग्य बढ़ेगा।
- बहन को लाल या गुलाबी वस्त्र पहनना शुभ रहेगा।
- बहन अगर राखी के साथ नारियल भी दे, तो यह शुभ माना जाता है।
💡 इस बार क्या न करें
- राखी बांधते समय जूते-चप्पल पहनना अशुभ है।
- राखी बांधने के समय हंसी-मजाक में अपशब्दों से बचें।
- काले रंग की राखी से परहेज करें।
🎁 उपहार के सुझाव
- किताबें (ज्ञान और विकास का प्रतीक)
- धार्मिक चित्र या मूर्ति
- पौधे (लकी बैम्बू, मनी प्लांट)
- मिठाई और सूखे मेवे
📜 निष्कर्ष
2025 का रक्षाबंधन सिर्फ एक पारंपरिक पर्व नहीं, बल्कि एक अद्भुत ज्योतिषीय अवसर है, जिसमें 2 शुभ योगों का संगम हो रहा है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते में नई ऊर्जा और सौभाग्य भरने वाला होगा। सही मुहूर्त में राखी बांधना, सकारात्मक विचार रखना और प्रेम से रिश्ता निभाना ही इस त्योहार का असली सार है।
“इस रक्षाबंधन को यादगार बनाएं! सही मुहूर्त और शुभ योग का लाभ उठाकर अपने भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करें। ऐसे ही ज्योतिष, त्योहार और राशिफल से जुड़ी सटीक और रोचक जानकारियों के लिए आज ही विज़िट करें DailyBuzz.in – आपकी सुबह की शुरुआत, खबरें और ज्योतिष साथ-साथ!”
इस पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। Dailybuzz.in इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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