Catchline:
ALTT, ULLU पर सरकार ने लिया बड़ा कदम, अब नहीं चलेगा फूहड़ता का खेल – 20 से ज्यादा OTT ऐप्स पर लगा बैन
परिचय
डिजिटल युग में OTT प्लेटफॉर्म्स ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है।
घर बैठे मोबाइल पर फिल्में, वेब सीरीज और शोज़ देखना आज आम बात हो चुकी है।
लेकिन इसके साथ ही एक कड़वी सच्चाई भी सामने आई – अश्लील और फूहड़ कंटेंट का बोलबाला।
और अब सरकार ने इस पर सख्ती दिखाते हुए बड़ा कदम उठाया है।
ALTT, ULLU समेत 20 से ज्यादा OTT ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया है
यह खबर ना सिर्फ इंटरनेट यूज़र्स के लिए अहम है, बल्कि मनोरंजन इंडस्ट्री को भी झटका देने वाली है।
क्यों लगाया गया बैन?
सरकार ने ये निर्णय इसलिए लिया क्योंकि इन ऐप्स पर लगातार अश्लीलता और अशोभनीय कंटेंट दिखाया जा रहा था।
यह कंटेंट न केवल भारतीय संस्कृति और नैतिकता के खिलाफ था, बल्कि युवाओं और किशोरों पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ रहा था।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कई महीनों से इन ऐप्स पर नजर रखी थी।
बार-बार चेतावनी देने के बाद भी जब स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, तो अंततः इन्हें बंद करने का फैसला लिया गया।
कौन-कौन से ऐप्स पर लगा बैन?
सूत्रों के अनुसार जिन ऐप्स पर बैन लगाया गया है उनमें प्रमुख हैं:
- ALTT (ALT Balaji का नया वर्जन)
- ULLU
- NueFliks
- HotShots
- Rabbit Movies
- PrimeFlix
- NeonX
- Kooku
- Boom Movies
- Fliz Movies
…और अन्य 10 से ज्यादा छोटे OTT प्लेटफॉर्म्स
इन सभी ऐप्स का एक ही मकसद था – अश्लील वेब सीरीज़ और बेतुके कंटेंट के माध्यम से व्यूअरशिप पाना।
क्या कहा सरकार ने?
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने साफ कहा है कि भारत की डिजिटल स्पेस का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा।
अश्लीलता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
मंत्रालय ने IT Act की धारा 69(A) के तहत इन ऐप्स को बैन किया है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा:
“डिजिटल इंडिया का उद्देश्य समाज को जोड़ना है, तोड़ना नहीं। अगर कोई प्लेटफॉर्म समाज में नैतिक गिरावट फैलाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
यूज़र्स की प्रतिक्रिया
बैन की खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
कुछ लोगों ने सरकार के इस कदम को सराहा और कहा कि अब अश्लीलता की बाढ़ पर ब्रेक लगेगा।
वहीं कुछ यूज़र्स ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करार दिया।
कुछ प्रतिक्रियाएं:
- “ULLU और ALTT जैसे ऐप्स ने OTT को बदनाम कर दिया था, अच्छा हुआ बंद कर दिया।”
- “रचनात्मक कंटेंट के नाम पर अश्लीलता परोसना बंद होना ही चाहिए।”
- “हमें सेंसरशिप नहीं चाहिए, हमें कंटेंट की आज़ादी चाहिए।”
क्या अब ऐसे कंटेंट पर पूरी तरह लगाम लग पाएगी?
सरकार के इस कदम से यह उम्मीद जरूर जगी है कि अब OTT प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण रहेगा।
लेकिन यह केवल शुरुआत है। अभी भी कई प्लेटफॉर्म्स हैं जो VPN के जरिए काम करते हैं और उन पर निगरानी रखना मुश्किल होता है।
इसके अलावा Telegram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भी इन वेब सीरीज़ की pirated कॉपियाँ फैलती रहती हैं, जिसे रोकने की जरूरत है।
भारत में OTT की स्थिति और भविष्य
भारत में OTT इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। Netflix, Amazon Prime, Hotstar जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स ने अच्छे कंटेंट का उदाहरण पेश किया है। लेकिन छोटे प्लेटफॉर्म्स ने इस बाजार को सिर्फ अश्लीलता से भरने की कोशिश की।
अब सरकार चाहती है कि OTT प्लेटफॉर्म्स भी फिल्म और टीवी की तरह कुछ ‘गाइडलाइंस’ फॉलो करें, जिससे एक नियंत्रित और स्वस्थ डिजिटल माहौल बनाया जा सके।
क्या रचनात्मकता पर रोक लगेगी?
यह सवाल कई बार उठता है कि क्या इस तरह के बैन से क्रिएटिविटी का गला घोंटा जा रहा है?
इसका जवाब है – नहीं। सरकार अश्लीलता और फूहड़ता के खिलाफ है, ना कि रचनात्मकता के।
अगर कोई वेब सीरीज़ सामाजिक मुद्दों को दर्शाती है या बोल्ड सब्जेक्ट को जिम्मेदारी से दिखाती है, तो उस पर कोई रोक नहीं है।
बोल्डनेस और वल्गैरिटी में फर्क है, और सरकार इसी फर्क को समझाने की कोशिश कर रही है।
वर्तमान OTT रेगुलेशन क्या कहता है?
फिलहाल भारत में OTT कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए कोई सख्त सेंसरशिप नहीं है,
बल्कि Self-Regulation का मॉडल है। लेकिन ये मॉडल तब विफल हो जाता है जब प्लेटफॉर्म खुद कंट्रोल नहीं करते।
अब यह उम्मीद की जा रही है कि एक मजबूत सेंसर गाइडलाइन लागू होगी जिससे OTT कंटेंट की क्वालिटी सुधरेगी।
अश्लीलता के खिलाफ जागरूकता जरूरी
यह लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं है, बल्कि समाज की भी है।
जब तक लोग खुद ऐसे कंटेंट का बहिष्कार नहीं करेंगे, तब तक इन ऐप्स की मांग बनी रहेगी।
हमें अपने बच्चों और युवा वर्ग को डिजिटल नैतिकता सिखाने की जरूरत है ताकि वे सही और गलत में फर्क समझ सकें।
निष्कर्ष
ULLU, ALTT जैसे OTT ऐप्स पर बैन एक स्वागत योग्य कदम है।
इससे डिजिटल स्पेस को साफ और स्वस्थ बनाने की शुरुआत हो चुकी है।
हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन दिशा सही है।
अब जरूरत है कड़े कानूनों, सक्रिय निगरानी और दर्शकों की जिम्मेदारी की।
OTT का मतलब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को दिशा देना भी है।
क्या आप भी OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता से परेशान हैं? क्या आपको लगता है कि सरकार ने सही कदम उठाया है? अपनी राय हमें ज़रूर बताएं।
और ऐसे ही भरोसेमंद और स्पष्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए जुड़िए DailyBuzz.in के साथ – आपकी आवाज़, आपकी खबर।
इस पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। Dailybuzz.in इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
Leave a Reply