Gold Price Today: सोने-चाँदी के रेट में बड़ी गिरावट

Gold and Silver Rate Fall 2025

Catchline

Gold Price – सोने-चाँदी के दामों में भारी गिरावट से निवेशकों और ज्वेलरी खरीदारों के बीच हलचल – जानिए क्या है वजह और आने वाले दिनों में कीमतें कहाँ जाएंगी!


प्रस्तावना

सोना और चाँदी हमेशा से भारतीयों की पसंदीदा धरोहर रहे हैं। शादी, त्योहार या निवेश – हर मौके पर सोने-चाँदी का महत्व खास होता है। लेकिन साल 2025 के अगस्त महीने में इनकी कीमतों में अचानक आई भारी गिरावट ने सबको चौंका दिया है।

Gold Price Today के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, सोने की कीमत ₹1,500 प्रति 10 ग्राम तक टूटी है, जबकि चाँदी की दरों में ₹2,000 प्रति किलो तक की गिरावट दर्ज की गई है।

लोगों के मन में सवाल है – आखिर ये गिरावट क्यों आई? क्या आने वाले समय में सोने-चाँदी के दाम और गिरेंगे या फिर अचानक तेजी पकड़ेंगे?


Gold Price Today – सोने की ताज़ा कीमतें

  • 24 कैरेट गोल्ड (10 ग्राम): ₹101500
  • 22 कैरेट गोल्ड (10 ग्राम): ₹92900
  • 18 कैरेट गोल्ड (10 ग्राम): ₹76100

Silver Price Today – चाँदी की ताज़ा कीमतें

  • Silver (1 किलो): ₹116100
  • Silver Jewellery (100 ग्राम): ₹11610

गिरावट की बड़ी वजहें

  1. डॉलर की मज़बूती – डॉलर इंडेक्स 97 के ऊपर चला गया है, जिससे सोने पर दबाव बढ़ा।
  2. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड – U.S. Treasury Bonds पर रिटर्न बढ़ने से निवेशक गोल्ड छोड़ बॉन्ड में जा रहे हैं।
  3. ग्लोबल इकॉनमी में रिकवरी – मंदी का डर कम होने से Safe Haven demand घटी।
  4. चीन और जापान की गोल्ड डिमांड कम हुई – इन देशों में सोने की खरीदारी घट गई।
  5. क्रिप्टोकरेंसी की तेजी – Bitcoin $1,17,917 के पार चला गया, जिससे निवेशक गोल्ड से हटकर Crypto की ओर जा रहे हैं।

भारत में असर

भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है। यहां कीमतों में गिरावट का असर कई तरह से देखा जा रहा है:

  • ज्वेलरी मार्केट में भीड़ – त्योहार और शादी सीजन के चलते लोग ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं।
  • निवेशक सावधान – जो लोग सोने को long term asset मानते हैं, वे सोच रहे हैं कि अभी और इंतज़ार करें।
  • ग्रामीण मांग – गांवों में सोने की मांग बढ़ी क्योंकि कीमतें सामान्य लोगों की पहुंच में आ रही हैं।

Gold vs Silver – किसमें ज्यादा गिरावट?

  • सोने में जहां लगभग 2% की गिरावट आई, वहीं चाँदी में 3-4% तक की तेज़ गिरावट दर्ज की गई।
  • Silver Market हमेशा Gold की तुलना में ज्यादा volatile रहा है।
  • इंडस्ट्रियल डिमांड कम होने की वजह से चाँदी पर दबाव ज्यादा है।

निवेशकों के लिए क्या है Lesson?

  1. Short Term Traders – नुकसान की संभावना ज्यादा।
  2. Long Term Investors – यह समय खरीदारी का अच्छा मौका हो सकता है।
  3. Diversification – सिर्फ गोल्ड या सिल्वर पर निर्भर न रहें, Equity और Bonds में भी निवेश करें।
  4. Systematic Investment – हर गिरावट पर थोड़ा-थोड़ा गोल्ड खरीदते रहना समझदारी है।

Gold ETFs और Digital Gold की Demand

आज के समय में लोग सिर्फ Physical Gold ही नहीं, बल्कि Digital Gold और Gold ETFs में भी निवेश कर रहे हैं।

  • ETFs की NAV गिरने से investors को खरीदारी का मौका मिल रहा है।
  • Digital Gold भी युवाओं में लोकप्रिय हो रहा है।

ज्वेलर्स की राय

Delhi Bullion Association के मुताबिक –

  • “गिरावट short-term है, long-term में गोल्ड फिर से $3,342/oz जा सकता है।”
  • “त्योहार और शादियों के चलते demand बढ़ेगी।”
  • “Silver का इंडस्ट्रियल उपयोग फिर से बढ़ेगा।”

International Market में क्या चल रहा है?

  • COMEX Gold Price – $3,382.60/oz
  • COMEX Silver Price – $37.98/oz
  • Middle-East और US Market में भी Gold गिरा है।

आने वाले दिनों का अनुमान

Experts का मानना है कि:

  • सोना ₹85,000 तक वापस जा सकता है।
  • चाँदी ₹75,000 से ₹80,000 तक पहुंच सकती है।
  • Short-term में थोड़ी और गिरावट संभव है।

Gold vs Stock Market vs Crypto

  • Stock Market Crash के बाद लोग गोल्ड की ओर भागे थे।
  • अब क्रिप्टो की तेजी ने गोल्ड को कमजोर किया है।
  • लेकिन Gold अभी भी सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है।

भारत की सांस्कृतिक और भावनात्मक कनेक्शन

भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं बल्कि भावनाओं से जुड़ा है।

  • शादियों में दहेज और तोहफों में गोल्ड का महत्व।
  • त्योहारों (धनतेरस, अक्षय तृतीया) पर गोल्ड खरीदना शुभ माना जाता है।
  • संकट के समय परिवार हमेशा गोल्ड बेचकर मुश्किलें हल करता है।

क्यों कहते हैं – “सोना कभी धोखा नहीं देता”?

इतिहास गवाह है कि सोने ने लंबे समय में हमेशा अच्छा रिटर्न दिया है।

  • 2000 में सोना ₹4,500/10 ग्राम था।
  • 2010 में यह ₹18,500/10 ग्राम हो गया।
  • 2025 में यह ₹101500/10 ग्राम है।

यानी गिरावट अस्थायी है, लेकिन दीर्घकाल में सोना हमेशा ऊपर ही गया है।


निष्कर्ष

सोने-चाँदी की कीमतों में मौजूदा गिरावट निवेशकों और खरीदारों के लिए मिश्रित संकेत दे रही है। जहाँ एक ओर ज्वेलरी खरीदने वालों के लिए ये सुनहरा मौका है, वहीं निवेशकों को धैर्य और समझदारी से फैसले लेने की ज़रूरत है।

गिरावट हमेशा बुरी नहीं होती – कभी-कभी यही सही समय होता है अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने का।


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⚠️ डिस्क्लेमर:
इस पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। Dailybuzz.in इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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