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ग्लोबल पावर बैलेंस बदल रहा है – BRICS strategy की चालें अमेरिका और Trump की नींद उड़ाने को काफी हैं।
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दुनिया की राजनीति में एक नया मोड़ आता दिख रहा है। BRICS (Brazil, Russia, India, China, South Africa – और अब इनके नए मेंबर्स) सिर्फ एक आर्थिक गठबंधन नहीं रह गया है
बल्कि यह अब एक ऐसी रणनीतिक ताकत बन रहा है जो पश्चिमी देशों के वर्चस्व को चुनौती दे रहा है।
अमेरिका के लिए यह खतरे की घंटी है, और Donald Trump, जो आने वाले चुनाव में White House में वापसी का सपना देख रहे हैं, उनके लिए यह एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है।
1. BRICS की ताकत – आंकड़ों में: BRICS strategy
BRICS अब दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी को रिप्रेजेंट करता है और ग्लोबल GDP का एक बड़ा हिस्सा कवर करता है।
इनके पास विशाल नेचुरल रिसोर्सेज, बड़े कंज्यूमर मार्केट और एनर्जी सेक्टर में दबदबा है।
- जनसंख्या: 3.5 अरब से अधिक
- GDP शेयर: लगभग 32% (Purchasing Power Parity में तो G7 से आगे)
- एनर्जी रिसोर्स: दुनिया का 40% से ज्यादा तेल और गैस रिजर्व
यह ताकत BRICS को पश्चिम के खिलाफ एक ठोस आर्थिक मोर्चा बनाने में मदद कर रही है।
2. अमेरिका और डॉलर पर सीधा हमला
BRICS देशों का सबसे बड़ा कदम है डेडॉलराइजेशन यानी डॉलर पर निर्भरता कम करना।
कई मेंबर अब ट्रेड अपने लोकल करेंसी में कर रहे हैं, और यह ट्रेंड बढ़ता जा रहा है।
- रूस और चीन पहले से डॉलर के बिना एनर्जी ट्रेड कर रहे हैं।
- भारत और UAE ने भी हाल में रुपये- दिरहम में ऑयल डील की।
अगर डॉलर की ग्लोबल डिमांड कम होती है, तो इसका सीधा असर अमेरिका की इकोनॉमी और उसकी ग्लोबल पावर पर पड़ेगा
और यह Trump के लिए चुनावी माहौल में एक बड़ी चिंता हो सकती है।
3. 2024-2025 में BRICS का विस्तार
BRICS ने हाल ही में कई नए देशों को शामिल किया है
– जिनमें सऊदी अरब, ईरान, UAE, मिस्र, इथियोपिया शामिल हैं।
- सऊदी अरब और UAE जैसे ऑयल पावरहाउस के आने से BRICS के पास अब एनर्जी मार्केट पर बहुत बड़ा कंट्रोल हो सकता है।
- ईरान की एंट्री वेस्ट के लिए सीधी चुनौती है, क्योंकि ये देश पहले से अमेरिका के साथ टकराव में है।
Trump अगर दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो उन्हें एक ऐसे BRICS से डील करना होगा जो पहले से ज्यादा ताकतवर और यूनाइटेड होगा।
4. ट्रम्प के लिए खतरे के तीन बड़े कारण
- इकोनॉमिक वार: अगर BRICS डॉलर को कमजोर करने में सफल रहा, तो अमेरिकी इकोनॉमी को झटका लगेगा।
- चुनावी साल में खराब इकोनॉमी किसी भी कैंडिडेट की इमेज खराब कर सकती है।
- एनर्जी प्राइस: BRICS देशों का ऑयल प्राइस पर कंट्रोल, अमेरिका में फ्यूल प्राइस को बढ़ा सकता है।
- हाई गैस प्राइस वोटर्स की नाखुशी का कारण बनते हैं।
- ग्लोबल एलायंस शिफ्ट: अगर ग्लोबल साउथ देश BRICS के साथ ज्यादा खड़े होते हैं, तो अमेरिका की इंटरनेशनल पॉलिसी कमजोर होगी, और Trump को विदेश नीति में मुश्किलें आएंगी।
5. ट्रम्प का अगला चुनाव और BRICS फैक्टर
Trump के 2024-2025 कैंपेन में सबसे बड़ी बात होगी
“अमेरिका को फिर से महान बनाना”। लेकिन अगर BRICS के कदमों से अमेरिकी इकोनॉमी डगमगा गई, तो उनकी यह लाइन वोटर्स को उतनी इम्प्रेस नहीं करेगी।
- Democrats इसका इस्तेमाल करके कह सकते हैं – “Trump की पॉलिसी दुनिया में अमेरिका की ताकत घटा देगी।”
- ट्रम्प को BRICS के खिलाफ सख्त रुख अपनाना पड़ेगा, लेकिन इससे अमेरिका-चीन और अमेरिका-भारत जैसे रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है।
6. चीन और रूस का प्लान – ट्रम्प को घेरना
- चीन: अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर के बाद अब वह BRICS के जरिए सप्लाई चेन को पश्चिम से अलग करने की कोशिश कर रहा है।
- रूस: यूक्रेन युद्ध के बाद वेस्टर्न सैंक्शंस से बचने के लिए BRICS को एक सेफ ज़ोन के रूप में देख रहा है।
- ये दोनों देश चाहते हैं कि अमेरिका अंदरूनी इकोनॉमिक और पॉलिटिकल दबाव में रहे – और यह Trump के लिए परेशानी बन सकता है।
7. भारत की पोजीशन – बैलेंसिंग एक्ट
भारत BRICS का एक अहम मेंबर है, लेकिन उसकी पॉलिसी वेस्ट और ईस्ट के बीच बैलेंस बनाने की है।
- भारत के लिए BRICS एक बड़ा ट्रेड और एनर्जी प्लेटफॉर्म है।
- लेकिन भारत अमेरिका के साथ डिफेंस और टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप भी बढ़ा रहा है।
- अगर Trump लौटते हैं, तो उन्हें भारत से BRICS पर सख्त पोजीशन लेने का दबाव डालना पड़ सकता है।
8. BRICS बनाम G7 – ग्लोबल पावर बैटल
G7 देश (अमेरिका, UK, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कनाडा) अब तक ग्लोबल फाइनेंस और पॉलिटिक्स के सबसे बड़े खिलाड़ी थे। लेकिन BRICS की बढ़ती ताकत इस बैलेंस को हिला रही है।
- BRICS अब एक अलग बैंकिंग और पेमेंट सिस्टम बनाने पर काम कर रहा है।
- अगर यह सफल हुआ, तो IMF और World Bank जैसे वेस्टर्न कंट्रोल्ड इंस्टीट्यूशंस की पकड़ कमजोर हो जाएगी।
9. 2025 के बाद की तस्वीर
अगर BRICS strategy में सफल रहता है, तो:
- अमेरिका की ग्लोबल पॉलिसी पर असर पड़ेगा।
- Trump के लिए घरेलू चुनौतियाँ बढ़ेंगी।
- डेमोक्रेट्स इस मुद्दे को चुनावी हथियार बनाएंगे।
10. नतीजा – BRICS strategy खतरे की घंटी बज चुकी है
BRICS strategy का यह उभार सिर्फ एक इकोनॉमिक चैलेंज नहीं है, बल्कि यह एक पॉलिटिकल गेम भी है। और इस गेम में अगर अमेरिका बैकफुट पर गया, तो Trump का चुनावी रास्ता और मुश्किल हो जाएगा।
निष्कर्ष:
BRICS strategy का बढ़ता दबदबा आने वाले समय में वर्ल्ड पॉलिटिक्स का सबसे बड़ा मुद्दा होगा। अगर Trump फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो उन्हें एक ऐसे ग्लोबल माहौल में काम करना होगा जिसमें BRICS पहले से ज्यादा ताकतवर और संगठित होगा। अमेरिका की इकोनॉमिक और पॉलिटिकल स्ट्रेटेजी की अगली परीक्षा यहीं से शुरू होगी।
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इस पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। Dailybuzz.in इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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