भारत ने बनाया विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे चीनाब ब्रिज – चीनाब से कश्मीर तक नया चेप्टर
✨ संक्षेप में
चिनाब ब्रिज सिर्फ एक पुल नहीं है — यह राष्ट्रीय एकता, तकनीकी महारत, और भविष्य की समृद्ध कश्मीर-कनेक्टिविटी का प्रतीक है। ट्रेनों की आवाज़ अब हिमालय में भी गूंजेगी, और हमारे अभियंता, शोधकर्ता और फिल्माए गए सपने—सबने मिलकर एक नए युग की नींव रखी है।
1. कांग्रेस नहीं, कनेक्शन है यह!
6 जून 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के चिनाब नदी पर स्थित विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज—चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया। यह बुनियादी संरचना 359 मीटर की ऊँचाई पर फैली है—जो पेरिस के प्रसिद्ध एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊँची है reddit.com। 1.3 किलोमीटर लंबी और ₹14,800 करोड़ की लागत की इस संरचना ने इंफ्रास्ट्रक्चर की दुनिया में एक नया मुकाम बनाया है।
2. क्यों इतनी बड़ी उपलब्धि?
- तकनीकी चुनौती: यह पुल हिमालय की भूकंपीय संवेदनशील और विचित्र भूवैज्ञानिक परिस्थितियों वाले इलाके में बना है।
- बेस डिजाइन: स्टील की 28,000 टन ईमारत, जो 266 किमी/घंटा की हवा और Richter पैमाने पर 8.0 भूकंप का सामना कर सके, “design-as-you-go” तकनीक से तैयार की गई timesofindia.indiatimes.comindependent.co.uk।
- महत्त्वपूर्ण भौगोलिक लिंक: अब कश्मीर फेरी से नहीं, सीधा रेल के जरिए कनेक्ट हो सकता है, जिससे यात्रा समय तीन घंटे तक घटेगा और सुरक्षा-रक्षा सुविधा भी बेहतर होगी ।
3. प्रोफेसर माधवी लता – असली शिल्पकार
इस पुल की नींव बनाती एक खास शख्सियत हैं—डॉ. G. माधवी लता, आईआईएससी, बेंगलुरु की भू-अभियांत्रिकी विशेषज्ञ marathi.indiatimes.com+1economictimes.indiatimes.com+1।
- 17 साल की कड़ी मेहनत
- “Design-as-you-go” तकनीक के तहत स्कोप स्टैबिलाइजेशन और फाउंडेशन तैयार
- उन्होंने ये सब इसलिए मुमकिन किया, क्योंकि कश्मीर का जटिल भूगोल उन्हें लगातार चुनौतियाँ देता रहा।
- उनका जवाब सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ: “Don’t make me famous” — एक ऐसी विनम्रता जो उन्हें और भी प्रेरणास्पद बनाती है theweek.in।
4. बड़े numbers, बड़ी तस्वीर
- पुल की कुल लंबाई: 1,315 मीटर
- फाउंडेशन में लगा स्टील: 28,000 टन
- लागत: ₹14,800 करोड़ (USBRL परियोजना में ₹43,780 करोड़ के हिस्से के रूप में) en.wikipedia.org।
- इसमें 35 साल से अटके USBRL ट्रैक की 272 किमी लाइन भी शामिल है, जिसमें 943 ब्रिज और 36 टनल हैं।
5. ट्रायल रन और Vande Bharat एक्सप्रेस
20 जून 2024 को पहली हमद में ट्रेन परीक्षण भी पूरे हो चुके थे timesofindia.indiatimes.com। इसके बाद, 7 जून 2025 से शुरू हुआ SMVD कात्रा–श्रीनगर Vande Bharat Express, जो देश की पहली वांदे भारत ट्रेन है जो यह रूट चलाती है indiatimes.com।
6. भविष्य की तस्वीर
- पर्यटन में बढ़ोतरी: फार्मर, स्थानीय व्यवसाय, कश्मीर का ट्रैवल सेक्टर — तीनों को फायदा होगा
- रणनीतिक महत्व: सेना और नागरिक काफिले अब सर्दियों, बर्फ़ और सुरक्षा चुनौतियों में भी आ-जा सकेंगे ।
- इकोनॉमिक इंफ्रास्ट्रक्चर: कश्मीर की fruit supply chain को हाई वोल्टेज सपोर्ट मिलेगा। लागत और जोखिम दोनों में कमी आएगी।
❓ FAQs
Q1. ये पुल ईफ़िल टॉवर से कितना ऊँचा है?
🔹 तकरीबन 35 मीटर – ईर्फिल टावर की तुलना में*
Q2. ट्रेनों का नियमित संचालन कब शुरू होगा?
🔹 7 जून 2025 से Vande Bharat ने अगले दिन व्यवसायी संचालन शुरू कर दिया है।
Q3. सुरक्षा और स्थायित्व के लिए कौन-कौन सी तकनीक अपनाई गई?
🔹 266 किमी/घंटा तक हवा, Richter scale में 8.0 भूकंप, और -20°C तापमान के लिए डिज़ाइन टेस्ट्स का परीक्षण ।
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