सौभाग्य, समृद्धि और शक्ति की देवी को समर्पित पर्व
1. भूमिका – क्यों मनाई जाती है वरमहालक्ष्मी पूजा?
भारत एक ऐसा देश है जहां हर पर्व के पीछे एक गहरा आध्यात्मिक भाव और सांस्कृतिक परंपरा जुड़ी होती है।
इन्हीं पर्वों में एक बेहद विशेष और श्रद्धा से मनाया जाने वाला त्यौहार है – वरमहालक्ष्मी व्रत। Varamahalakshmi Pooja
यह पर्व विशेष रूप से दक्षिण भारत की विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है।
देवी लक्ष्मी, जो धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं – उन्हें प्रसन्न करने के लिए यह व्रत किया जाता है।
इस दिन महिलाएं सुंदर रूप में सज-धज कर माँ लक्ष्मी की पूजा करती हैं,
और अपने परिवार की भलाई, सुख-शांति और वैवाहिक सौभाग्य की कामना करती हैं।
यह पर्व केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि नारी शक्ति और श्रद्धा की जीवंत अभिव्यक्ति है।
2. Varamahalakshmi Pooja 2025 – तिथि और समय
Varamahalakshmi Vrat 2025 की तारीख:
📅 Friday, 8 August 2025
यह दिन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की शुक्रवार को आता है, जो माँ लक्ष्मी को समर्पित होता है।
यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।
📌 Shubh Muhurat (पूजन का शुभ मुहूर्त):
विवरण | समय |
---|---|
पूजा तिथि | 8 अगस्त 2025 (शुक्रवार) |
शुभ लग्न | 06:01 AM – 07:45 AM (सिंह लग्न) |
अभिजीत मुहूर्त | 12:00 PM – 12:50 PM |
प्रदोष काल | 07:10 PM – 08:25 PM |
अमृत काल | 04:35 PM – 06:05 PM |
राहुकाल | 10:30 AM – 12:00 PM |
चंद्रमा की स्थिति | कुंभ राशि में |
📌 नोट: पूजा के लिए सुबह का समय और अभिजीत मुहूर्त सबसे उत्तम माना गया है।
3. पंचांग अनुसार विशेष जानकारी (Panchang Details 2025)
विवरण | समय / जानकारी |
---|---|
📅 तिथि | 8 अगस्त 2025 (शुक्रवार) |
🕉 तिथि विवरण | चतुर्दशी (02:12 PM तक), फिर पूर्णिमा (अगले दिन 01:24 PM तक) |
🌌 नक्षत्र | उत्तराषाढ़ा (02:28 PM तक), फिर श्रवण (रात्रि 02:23 AM तक) |
🔭 योग | आयुष्मान (05:38 AM से अगले दिन 04:08 AM तक) |
🌓 करण | वणिज (02:24 AM – 02:12 PM), फिर विष्टि |
🌞 सूर्योदय | 06:04 AM |
🌇 सूर्यास्त | 07:00 PM |
🌙 चंद्रमा की स्थिति | चंद्रमा मकर राशि में (06:37 PM तक), फिर कुंभ में प्रवेश |
🌕 चंद्रमा उदय | 06:37 PM |
🕯️ अभिजीत मुहूर्त | 12:02 PM – 12:54 PM |
❌ राहुकाल | 10:55 AM – 12:32 PM |
⚠️ यमगंड काल | 03:46 PM – 05:23 PM |
⛔ गुलिक काल | 07:41 AM – 09:18 AM |
⚠️ दुर मुहूर्त | 08:39 AM – 09:31 AM, 12:58 PM – 01:50 PM |
❌ वर्ज्य काल | 06:27 PM – 08:03 PM |
🔯 शुभ लग्न (पूजा मुहूर्त) | सिंह लग्न: 06:34 AM – 08:37 AM वृश्चिक लग्न: 12:15 PM – 02:57 PM कुम्भ लग्न: 06:58 PM – 08:39 PM वृषभ लग्न: 12:07 AM – 02:09 AM (9 अगस्त) |
4. व्रत कथा – वरमहालक्ष्मी व्रत के पीछे की पौराणिक कहानी Varamahalakshmi Pooja
पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार देवी पार्वती ने भगवान शिव से पूछा –
ऐसा कौन सा व्रत है जिसे महिलाएं करके अपने परिवार के लिए सुख, सौभाग्य और समृद्धि पा सकती हैं?
तब भगवान शिव ने उन्हें वरमहालक्ष्मी व्रत का महत्व बताया।
उन्होंने कहा कि जो स्त्रियां श्रद्धा और विधि-विधान से इस व्रत को करती हैं,
उन्हें धन, वैभव, पति का साथ, और संतान का सुख प्राप्त होता है।
कहते हैं कि एक बार एक चारुमति नामक स्त्री ने इस व्रत को किया था।
माँ लक्ष्मी उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रकट हुईं और उसका जीवन पूरी तरह बदल गया।
आज भी उसी परंपरा का पालन करते हुए, लाखों महिलाएं इस दिन देवी लक्ष्मी को पूजती हैं।
5. व्रत की विधि – Step-by-Step पूजन प्रक्रिया Varamahalakshmi Pooja
🌸 पूजन की तैयारी (एक दिन पहले):
- घर की सफाई करें
- पूजा स्थान को साफ और पवित्र करें
- पूजन सामग्री एकत्र करें
- फल, मिठाई, नारियल, फूल, चावल आदि तैयार करें
🪔 पूजा सामग्री (Samagri List):
- चांदी या मिट्टी का कलश
- नारियल, आम के पत्ते
- अक्षत (चावल)
- कुमकुम, हल्दी
- फूल, फल
- पंचामृत
- दीपक और धूपबत्ती
- लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र
- सोने-चांदी के आभूषण
🪔 पूजन विधि:
- स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें (विशेषकर साड़ी या दक्षिण भारतीय पारंपरिक वस्त्र)
- कलश में जल भरें, आम के पत्ते रखें और ऊपर नारियल रखें
- कलश को लक्ष्मी माता का प्रतीक मान कर सजाएं
- मंत्रों के साथ पूजा आरंभ करें
- हल्दी-कुमकुम से पूजा करें
- लक्ष्मी स्तोत्र, कनकधारा स्तोत्र, और महालक्ष्मी अष्टक का पाठ करें
- दीपक जलाएं और आरती करें
- भोग अर्पित करें (खीर, चावल, नारियल, फल आदि)
- अंत में व्रत कथा सुनें और प्रसाद बांटें
🙏 महत्वपूर्ण: पूजा करने के बाद कम से कम 8 कन्याओं और सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराएं।
6. वरमहालक्ष्मी व्रत में क्या करें और क्या न करें?
✔️ क्या करें:
- साफ-सुथरे वस्त्र पहनें
- श्रद्धा से व्रत रखें
- परिवार सहित पूजा करें
- घर को सजाएं, रंगोली बनाएं
❌ क्या न करें:
- झूठ ना बोलें
- घर में झगड़ा न करें
- तामसी भोजन न करें
- निंदात्मक शब्दों से बचें
7. राशियों के अनुसार वरमहालक्ष्मी उपाय 2025
राशि | उपाय |
---|---|
मेष | माँ को लाल फूल चढ़ाएं |
वृषभ | सफेद मिठाई का भोग लगाएं |
मिथुन | तुलसी के पत्ते से पूजा करें |
कर्क | चांदी की लक्ष्मी मूर्ति पूजें |
सिंह | पीले वस्त्र पहनें, हल्दी से पूजा करें |
कन्या | कमल फूल चढ़ाएं |
तुला | शंख से जल अर्पित करें |
वृश्चिक | तांबे के कलश से पूजा करें |
धनु | गाय के घी का दीपक जलाएं |
मकर | पंचामृत से अभिषेक करें |
कुंभ | नारियल और फल का भोग लगाएं |
मीन | केसर मिला जल अर्पित करें |
8. व्रत के लाभ – आध्यात्मिक और पारिवारिक
- देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है
- परिवार में सुख-शांति बनी रहती है
- आर्थिक संकट दूर होते हैं
- वैवाहिक जीवन में प्रेम और विश्वास बढ़ता है
- संतान सुख की प्राप्ति होती है
- मानसिक संतुलन और आत्मिक संतोष मिलता है
9. विज्ञान और अध्यात्म का संगम
Varamahalakshmi Pooja व्रत केवल धार्मिक नहीं है,
बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक शांति भी देता है।
- पूजा के समय सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है
- घर में शुद्धता और सुव्यवस्था आती है
- परिवार एकत्र होता है, सामूहिकता बढ़ती है
- दीपक और धूप से वातावरण शुद्ध होता है
यह पर्व हमें आध्यात्मिक चेतना के साथ संतुलन और अनुशासन की भी सीख देता है।
10. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q. क्या केवल विवाहित महिलाएं यह व्रत कर सकती हैं?
👉 हाँ, परंतु अविवाहित कन्याएं भी इसे कर सकती हैं श्रद्धा से।
Q. क्या उपवास जरूरी है?
👉 नहीं, सिर्फ फलाहार भी किया जा सकता है।
Q. पूजा के बाद क्या करना चाहिए?
👉 8 या 16 स्त्रियों को भोजन कराएं और प्रसाद बांटें।
Q. क्या ऑफिस जाने वाले भी व्रत कर सकते हैं?
👉 हाँ, यदि समय निकालकर पूजा विधिवत करें।
Q. व्रत का उद्यापन कब करें?
👉 अगले दिन सुबह स्नान के बाद।
11. निष्कर्ष – श्रद्धा और शक्ति का उत्सव
वरमहालक्ष्मी व्रत एक ऐसा पर्व है जहां नारी शक्ति, श्रद्धा, सौंदर्य, और आस्था एक साथ प्रकट होते हैं।
यह पर्व हमें याद दिलाता है कि जीवन में सुख और समृद्धि केवल भौतिक चीजों से नहीं,
बल्कि संस्कारों, सकारात्मक ऊर्जा और सामूहिक भक्ति से भी मिलती है।
इस वर्ष 2025 में, आइए हम सब मिलकर माँ लक्ष्मी का स्वागत करें,
उनका आशीर्वाद प्राप्त करें, और अपने जीवन को समृद्ध और खुशहाल बनाएं।
✅ Quick Checklist – पूजा के समय याद रखें timesofindia
कार्य | करें / न करें |
---|---|
पूजा विधि से करें | ✔️ |
काले वस्त्र न पहनें | ❌ |
सोने-चांदी के आभूषण पहनें | ✔️ |
अशुभ विचारों से बचें | ❌ |
🙏 Call to Action (CTA):
आपका हर व्रत और पूजा तभी पूर्ण होता है जब उसमें श्रद्धा और सही जानकारी हो।
इस वर्ष 2025 में, वरमहालक्ष्मी व्रत को शुद्धता, नियम और समर्पण के साथ मनाएं,
और माँ लक्ष्मी से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करें।
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इस पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। Dailybuzz.in इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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