Catchline:
Trump Tariffs ट्रंप की टैरिफ नीतियों का दोगला खेला – भारत और रूस के डेटा में छुपा है बड़ा राज़
परिचय:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में “America First” की नीति के तहत कई देशों पर टैरिफ लगाए गए। इनमें भारत और रूस दोनों शामिल थे, लेकिन हाल की रिपोर्ट्स और व्यापारिक आंकड़ों के विश्लेषण से ऐसा लगता है कि इन दोनों देशों के साथ अमेरिका ने समान व्यवहार नहीं किया। सवाल ये उठता है – क्या ट्रंप प्रशासन ने रूस को तरजीह दी और भारत को नुकसान पहुंचाया? इस ब्लॉग में हम आंकड़ों, विश्लेषण और ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के पीछे के एजेंडे को समझने की कोशिश करेंगे।
1. ट्रंप का टैरिफ मॉडल Trump Tariffs – America First या Favoritism?
2017 में ट्रंप जब राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने अपने इकोनॉमिक एजेंडा के तहत सबसे पहले टैरिफ का सहारा लिया। अमेरिका के ट्रेड डेफिसिट को कम करना उनका मकसद था। उन्होंने चीन, भारत, यूरोपीय यूनियन, मैक्सिको और रूस पर टैरिफ लगाने की बात कही, लेकिन जब ये नीतियां लागू हुईं, तो कुछ देशों को ‘सॉफ्ट टच’ मिला, और कुछ को कड़ी सज़ा।
2. भारत पर टैरिफ का भार क्यों पड़ा ज्यादा?
भारत पर ट्रंप सरकार ने कई तरह के टैरिफ थोपे – विशेषकर स्टील और एल्युमिनियम के निर्यात पर। साथ ही 2019 में भारत को GSP (Generalized System of Preferences) से बाहर कर दिया गया। इसका मतलब ये हुआ कि भारत के हजारों उत्पाद जो पहले बिना टैक्स के अमेरिका जाते थे, अब उन पर भारी ड्यूटी लगने लगी। इससे भारत की निर्यात इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा।
महत्वपूर्ण बिंदु: Trump Tariffs
- $6.3 बिलियन की भारतीय निर्यात वस्तुएँ GSP के तहत अमेरिका जाती थीं।
- स्टील पर 25% और एल्युमिनियम पर 10% टैरिफ लगाया गया।
- ट्रंप प्रशासन ने भारत पर डिजिटल टैक्स को लेकर भी शिकंजा कस दिया।
3. रूस को क्यों मिली ‘छूट’?
रूस के साथ अमेरिका के संबंध हमेशा से जटिल रहे हैं, लेकिन व्यापार के क्षेत्र में ट्रंप सरकार का रुख अपेक्षाकृत नरम रहा। भले ही रूस पर कई प्रतिबंध लगे हों, लेकिन टैरिफ के मामले में ट्रंप प्रशासन ने रूस को उतना नुकसान नहीं पहुंचाया, जितना भारत को।
उदाहरण:
- रूस से क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की खरीद पर कोई बड़ी टैरिफ बाधा नहीं डाली गई।
- रक्षा संबंधों में रूस से व्यापार जारी रहा।
- ट्रंप और पुतिन के बीच कई बार व्यक्तिगत गर्मजोशी देखने को मिली, जिसने व्यापारिक नीति पर भी असर डाला।
4. आंकड़े क्या कहते हैं?
देश | टैरिफ का स्तर | GSP स्टेटस | ट्रेड ग्रोथ (2017–2020) |
---|---|---|---|
भारत | उच्च | हटाया गया | -9.8% |
रूस | मध्यम/न्यूनतम | नहीं था | +3.2% |
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत को ट्रंप की टैरिफ नीतियों से ज्यादा नुकसान हुआ, जबकि रूस की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रही।
5. अमेरिका की रणनीति Trump Tariffs – राजनीतिक या आर्थिक?
ट्रंप प्रशासन की नीतियों में व्यक्तिगत संबंधों और राजनीतिक हितों की झलक साफ दिखाई देती है। भारत ने ईरान से तेल खरीदने और रूस से S-400 डिफेंस सिस्टम लेने जैसे कदम उठाए, जो अमेरिका को नागवार गुज़रे। यही कारण है कि ट्रंप सरकार ने भारत पर कड़ा रवैया अपनाया।
दूसरी ओर, ट्रंप और पुतिन के रिश्ते की वजह से रूस को ‘पॉलिटिकल शील्ड’ मिल गई। यही वजह थी कि टैरिफ के मामले में रूस पर ‘लक्ष्मी कृपा’ बनी रही।
6. भारतीय उद्योगों पर प्रभाव
टैरिफ के कारण भारत के कई MSMEs और एक्सपोर्टर्स को नुकसान हुआ:
- टेक्सटाइल और ऑटो पार्ट्स के निर्यात में भारी गिरावट।
- स्टील और एल्युमिनियम सेक्टर में उत्पादन में कटौती।
- कृषि उत्पादों की अमेरिका में मांग घटी।
7. क्या बाइडेन सरकार ने बदला रुख?
जो बाइडेन के सत्ता में आने के बाद उम्मीद थी कि अमेरिका की टैरिफ नीति बदलेगी, लेकिन अब तक कोई बड़ा रिवर्सल नहीं हुआ है। भारत अब भी GSP से बाहर है। हालांकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताएं जारी हैं और हाल ही में AI, सेमीकंडक्टर और रक्षा सेक्टर में समझौते हुए हैं।
8. रूस–अमेरिका व्यापार में अब क्या स्थिति है?
रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन युद्ध के बाद से स्थिति काफी बदल चुकी है। अब अमेरिका ने रूस पर कई नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे उनका व्यापार लगभग ठप हो गया है। लेकिन ट्रंप के कार्यकाल में ये स्थिति नहीं थी – और यहीं से तुलना की लकीर खिंचती है।
9. निष्कर्ष – दोगली नीति या रणनीतिक सोच?
आंकड़ों, नीतियों और पॉलिटिकल समीकरणों को देखें, तो स्पष्ट है कि ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति ‘समानता’ पर आधारित नहीं थी। भारत को अपने स्टैंड के चलते सज़ा मिली और रूस को उसके रिश्तों के चलते रियायतें।
10. आगे का रास्ता क्या है भारत के लिए?
- भारत को अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाना होगा।
- घरेलू उत्पादन और वैकल्पिक बाजारों पर ध्यान देना जरूरी है।
- WTO में अपनी स्थिति को लेकर भारत को स्पष्ट और आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए।
निष्कर्ष:
ट्रंप की टैरिफ नीति Trump Tariffs पर गौर करें तो “America First” की आड़ में “Political Preference” साफ दिखता है। भारत जैसे लोकतांत्रिक सहयोगी को जहां झटका मिला, वहीं रूस जैसे विरोधाभासी सहयोगी को नरमी मिली। ये ब्लॉग सिर्फ एक व्यापारिक विश्लेषण नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों की गहराई को उजागर करता है।
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इस पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। Dailybuzz.in इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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